डा. निसार अहमद खाँ,सिद्धार्थनगर। विद्यार्थी वर्ष भर अपने पढ़ाई पर गम्भीरता से ध्यान नहीं देते हैं। परन्तु परीक्षा में अच्छे अंक लाने का सपना जरूर देखते हैं। हर विद्यार्थी की यही आकांक्षा रहती है कि वह प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करें। इसके लिये सुनियोजित ढ़ग से पढा़ई करना चाहिए। सफलता यकायक नहीं मिलती है। इसके लिये सतत अभ्यास और कठिन परिश्रम की आवश्यकता होती है। विद्यार्थी सुनियोजित ढ़ग और सतत अभ्यास से परीक्षा में अच्छे अंक लाएं।
विद्यार्थी ज्ञान हासिल करने के लिए पढ़ाई करें-प्रवक्ता दीपनरायन सिंह
उक्त बातें श्री छेदीलाल इण्टर कालेज बिस्कोहर के प्रवक्ता श्री दीपनरायन सिंह ने न्यूज यूनिवर्लस से बातचीत में कही है। उन्होंने आगे कहा कि यदि विद्यार्थी सचमुच परीक्षा में अच्छे अंक लाना चाहते हैं तो निम्नलिखित टिप्स को अपनाएं।
विद्यार्थी का सुलेख अच्छा होना चाहिए।
छात्र नोट्स बनाकर अध्ययन करें-
हिंदी माध्यम के छात्रों का हिंदी वर्णमाला गलत नहीं होना चाहिए। वर्तनी और विराम चिन्हों का सही प्रयोग होना चाहिए। जिस विषय में पढ़ाई कर रहे हैं, उसका नोट्स बनाकर छात्र अध्ययन करें। जो कठिन शब्द हैं उनको कक्षाएं करने पर विषय विशेषज्ञ अध्यापकों से अवश्य पूछ लें।
उत्तर को शब्द सीमा में लिखें-
किताब पढ़ते समय जो भी समझ में न आए उस वाक्य या पैराग्राफ को पैंसिल से अंडरलाइन कर दें और उसको विषय विशेषज्ञ अध्यापक से समझने का प्रयास करें। प्रश्न का उत्तर कितने शब्दों में लिखना है इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर को दिए गए शब्द सीमा में लिखना चाहिए।
नियमित दिनचर्या के साथ पढ़ाई करें-
परीक्षा में सिर्फ अपने द्वारा बनाए गए नोट्स से तैयारी करनी चाहिए। नियमित दिनचर्या के साथ पढ़ाई करनी चाहिए। इससे परीक्षा के समय परीक्षार्थी के ऊपर अतिरिक्त भार नहीं पड़ता है। नकल के लिए अभिभावकों को जागरुक होना चाहिए। अभिभावक नकल करने के लिए अपने बच्चों को न तो राय दें और न ही उसके विषय में सोचें।
विद्यालय में शत प्रतिशत दर्ज करें उपस्थिति-
नकल रोकने लिए प्रदेश में नकल अध्यादेश लागू होना चाहिए। बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में शत प्रतिशत होनी चाहिए। विद्यालय में अध्यापकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। सरकार को चाहिए कि वह इन खाली पदों को भरे, जिससे पढ़ाई सुचारु रुप से संपन्न हो सके। नकल रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
विद्यार्थी परीक्षा पास होने के लिए नहीं, ज्ञान हासिल करने के लिए करें पढ़ाई-
विद्यार्थियों को यह समझाने का प्रयास करना चाहिए कि नकल करके पास होने वाले विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल नहीं हो पायेंगे। समाज में एक शिक्षित बेरोजगार की भूमिका में रहेंगे। विद्यार्थी पास होने के लिए पढ़ाई न करें बल्कि ज्ञान हासिल करने के लिए पढ़ाई करें। अपने अंदर एक जुनून पैदा करके पढ़ाई करें।
नकल से हानियां-
प्रवक्ता श्री दीपनरायन सिंह ने बताया कि नकल से सिर्फ हानियां ही हानियां हैं। लाभ कुछ नहीं है। विद्यार्थी नकल करके परीक्षा पास करने में अपनी बहुत बड़ी सफलता समझतें है। लेकिन इससे समाज में शिक्षित बेरोजगारों की एक बहुत बड़ी फौज खड़ी हो रही है। नकल करके परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लोगों के पास डिग्री तो होती है लेकिन ज्ञान नहीं होती है। इससे शिक्षा का स्तर गिर जाता है तथा रोजगार के अवसर की संभावना क्षीण हो जाती है।