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डा0 निसार अहमद खाँ, सिद्धार्थनगर। माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षायें प्रारम्भ हैं। विद्यार्थी कुछ उपायों को अपना कर परीक्षा में अच्छे अंकों को प्राप्त कर सकतें हैं। विद्यार्थी अनुशासन और परिश्रम को अपना मित्र बनायें तभी जीवन में सफलता मिलेगी।

  • विद्यार्थी अनुशासन और परिश्रम को मित्र बनायें तभी सफलता मिलेगी- माहताब आलम

उक्त बातें कस्बा स्थित “रईस अहमद इण्टर मीडिएट कालेज” के प्रधानाचार्य माहताब आलम ने “न्यूज़ यूनिवर्सल ” से बातचीत में कही। उन्होंने विद्याथियों का मार्गदर्शन करते हुए आगे कहा कि विद्यार्थी परीक्षा कक्ष में 15 मिनट पहले प्रवेश करें। परीक्षा कक्ष में प्रश्न पत्र मिलने के बाद उसे ठीक ढ़ंग से पढ़ लें। जो प्रश्न अच्छी तरह से याद है उसको पहले हल करें।

विद्यार्थी किसी प्रश्न को न छोड़ें-

जितने पूर्णांक का प्रश्न हो उसे पूरा हल करें। यदि किसी प्रश्न का उत्तर ठीक ढ़ंग से पूरा नहीं याद आ रहा है तो उसको भी लिखें क्योंकि प्रश्नों के अंक स्टेप में बंटे होते हैं। जितने स्टेप सही होते हैं प्रत्येक प्रश्न के उत्तर में उतने अंक प्राप्त होते हैं। विद्यार्थी किसी प्रश्न को न छोड़ें  सबका उत्तर दें।

विद्यार्थी अपने संतुलन को बनाये रखें। परीक्षा को लेकर अधिक तनाव न पैदा करें। वर्ष भर जो पढ़ाई किये हैं उसकी पुनरावृत्ति करके परीक्षा देने जायें नहीं तो उत्तर लिखते समय उनका पेन रूकेगा। सुबह परीक्षा देना हो तो उसके पहले देर रात तक पढ़ाई न करें नहीं तो सुबह फुर्ती नहीं रहेगी।

परीक्षा के समय ऐसा भोजन कदापि न प्रयोग करें जिससे तबीयत खराब हो जाये। विद्यार्थी अच्छे स्कूल में पढ़ाई करें। विद्यार्थी की उम्र भले ही छोटी है लेकिन अपनी सोंच ऊंची रखें। जितने लोग महान हुए हैं वह अनुशासन और परिश्रम के बल पर महान हुए हैं।

विद्यार्थी नियमित पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें-

अभिभावकों को चाहिये कि परीक्षा के समय विद्यार्थी से बाहरी काम अधिक न लें। उनका माइंड मेकअप करें कि तुम्हें पढ़ लिख कर कुछ बनना है। तुम्हारे अन्दर कुछ बनने के लायक प्रतिभा छुपी है। सभी अभिभावक अपने बच्चों की नियमित पढ़ाई पर विशेष ध्यान दें।

यदि वह अशिक्षित हैं तो भी वह नियमित पढ़ाई करने के लिये अपने बच्चों को प्रेरित करें। मैं विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए आशा करता हूँ कि अच्छे नम्बरों से परीक्षा पास करके आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए देश और समाज के प्रति उनके अन्दर जवाबदेही उत्पन्न हो और एक आदर्श नागरिक बनकर देश सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। 

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