इटवा विधायक ने पंचायत कार्यालय खुनियांव में जले अभिलेखों का लिया जायजा,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उ.प्र. व वर्तमान इटवा विधायक माता प्रसाद पाण्डेय खुनियांव ब्लाक परिसर में ,

M.A. M.J.M.C. विगत 20 वर्षाें से पत्रकारिता क्षेत्र से जुडकर समाचार संकलन, लेखन, सम्पादन का कार्य जारी है। शिक्षा, राजनीति व ग्रामीण पत्रकरिता पर विशेष रिपोर्टिंग।

सिद्धार्थनगर। खुनियांव विकास खण्ड परिसर में गत 17 फरवरी को पंचायत कार्यालय में अभिलेख जलने की घटना को संज्ञान में लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उ.प्र. व वर्तमान इटवा विधायक माता प्रसाद पाण्डेय ने बुधवार को घटना स्थल का जायजा लिया।

  • सन् 1980 के दशक में जब मैं विधायक था तो बनवाया यहां खुनियांव ब्लाक व अस्पताल
  • प्रकरण गम्भीर है इसकी जांच लखनऊ की टीम से करायी जाएगी

    पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उ.प्र. व वर्तमान इटवा विधायक माता प्रसाद पाण्डेय खुनियांव ब्लाक परिसर में सायं 04ः30 बजे पहुंचे और खण्ड विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ल से मुलाकात कर घटना स्थल देखने के लिए कहा।

    श्री पाण्डेय के साथ कमरूज्जमा खां तथा उदयभान तिवारी, पिंकू शुक्ला आदि भी मौजूद रहे।

    श्री पाण्डेय ने पंचायत कार्यालय में जले हुए अभिलेखों को गहनता देखा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सन् 1980 के दशक में जब मैं विधायक था। तो मैंने ही यहां ब्लाक और अस्पताल बनवाया था। इससे पहले यह ब्लाक इटवा में चलता था। इसके साथ बगल में मौजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मुड़िला में चलतथा। यह बात और है कि उस समय शिलालेख लगाने की होड नहीं थी।

    उन्होंने आगे कहा कि संभव है कि आग र्शाट सर्किट से ही लगा हो। वहां मौजूद लोगों द्वारा बताया गया कि डीडीओ और डीपीआरओर द्वारा आज दोपहर में जांच किया गया है। इस पर श्री पाण्डेय ने कहा कि प्रकरण बहुत गम्भीर है। इसकी जांच लखनऊ की टीम से कराया जाएगा तभी कारण स्पष्ट हो पाएगा।

    उन्होंने जानना चाहा कि कार्यालय में रखे कौन से अभिलेख और कितने गांव के अभिलेख जले हैं। इसके विषय में उन्होंने खण्ड विकास अधिकारी से गांवों की सूची की मांग किया। बताया गया कि लगभग 40 गांवों का अभिलेख जला है। जिसमें से कुछ तो आरटीआई में मांगी गयी टेंडर पत्रावली आदि हैं। उन्होंने कहा कि इसके विषय में मैं असेम्बली में सवाल करूंगा।

    श्री पाण्डेय ने खण्ड विकास अधिकारी से क्षेत्र पंचायत में मिले धन के बारे में जानकारी प्राप्त किया। खण्ड विकास अधिकारी ने बताया कि 04 करोड का टेंडर हो चुका है। जिसमें में 02 करोड का पेमेंट हो गया है।

    इस दौरान यहां क्षेत्र पंचायत की बैठक न होने और मनरेगा से काम न मिलने की समस्या बतायी गयी। श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि मनरेगा के तहत सरकार पहले 96 हजार करोड रूपया देती थी। परन्तु अब इसे घटाकर 56 हजार करोड कर दिया है। नियम सख्त कर दिया है। जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे।

    श्री पाण्डेय सायं 05ः30 बजे वापस लौटते समय खण्ड विकास अधिकारी से कहा कि आप मुझे हर हाल में कल अभिलेख जले हुए गांवों की सूची उपलब्ध कराएं।

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