डा. निसार अहमद खाँ। सिद्धार्थनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा किया है।
प्रधानमंत्री जी का सम्बोधन
Addressing the nation. https://t.co/daWYidw609
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2021
लोग ट्विटर पर अपने अपने राय व्यक्त कर रहे हैं। आप भी पढ़िए लोगों की क्या राय है।
लेकिन उससे पहले कुछ वाक्यों में तीनों कृषि कानूनों पर चले आन्दोलन पर एक नजर डाल लेते हैं।
ज्ञात हो कि बीते एक साल से अधिक समय से किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे थे। सरकार इसे वापस नहीं लेना चाहती थी। लेकिन पंजाब और उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव को देखते हुए इसे वापस लेने का निर्णय लिया गया होगा।
किसानों को आन्दोलनजीवी बताने वाले साहब ने वापसी के समय भी सफदे झूठ का इस्तेमाल किया। कि कुछ किसानों को समझा नहीं पाऐ। एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था। जबकि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए आयोजित आन्दोन में सैकडों किसानों की जान चली गयी। बर्बरता और क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए किसानों को गाडियों से रौंद कर मौत के घाट उतार दिया गया।
दलाल, चाटुकार, नफरत का प्रदूषण फैलाने वाला गोदी मीडिया तो अन्नदाता किसानों को खालिस्तानी, आतंकी और न जाने क्या क्या बता रहा था।
एक बात तो सच है कि ईश्वर पूर्ण है मानव अपूर्ण है। इसी लिए तपस्या में कमी रह जाती है।
देवी से मांगे गए वर में मैं एक वर अतिरिक्त मांगना चाहूंगा देश में फैले नफरत के प्रदूषण को अवशोषित कर देश में प्रेम की प्रकाश जला दे। जिससे देश में किसी मानव की जफरत के चलते जान न ली जाए।
राहुल गाँधी
जीत उनकी भी है
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
जो लौट के घर ना आए…
हार उनकी ही है
जो अन्नदाताओं की जान बचा ना पाए…#FarmLawsRepealed pic.twitter.com/Lzl61AHngR
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!
जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
पुण्य प्रसून बाजपेयी
प्रधानमंत्री समझ गये…..
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) November 19, 2021
सत्ता की उम्र होती है आंदोलन की नहीं…. https://t.co/obLueOnQiw via @YouTube
रवीश कुमार
किसानों को बधाई। उन्हें भी,जिन्होंने किसानों को आतंकवादी,आंदोलनजीवी कहा। किसानों ने देश को जनता होना सिखाया है,जिसे रौंद दिया गया था। आवाज़ दी है। गोदी मीडिया आज भी किसानों की बात किसानों के लिए नहीं ‘उनके’ लिए करेगा।किसानों ने समझा दिया कि किसानों को कैसे समझा जाता है।
— ravish kumar (@ravishndtv) November 19, 2021
एक साल पहले की तस्वीर याद करें। गोदी मीडिया किसान आंदोलन को आतंकवादी कहने लगा। उस अफ़सर को याद करें जिसने किसानों का सर फोड़ देने की बात कही और सरकार उसके साथ खड़ी रही। किसानों ने विज्ञान भवन में ज़मीन पर बैठकर अपना खाना खाया। उन कीलों को याद करें जो राह में बिछाई गई।
— ravish kumar (@ravishndtv) November 19, 2021
अभिसार शर्मा
अहंकार हारा। किसान जीता। झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए। एक साल से बदनाम किया गया किसानों को । आज झुकी मोदी सरकार। अपने प्रचार माध्यमों से आपने किसानों के नक्सल , आतंकवादी कहा। आज किसान जीत गया। अहंकार हार गया
— Abhisar Sharma (@abhisar_sharma) November 19, 2021
अखिसेश यादव
अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 19, 2021
भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
अरविन्द केजरीवाल ‘आप’
किसानों ने आज़ादी के दीवानों की तरह लड़ाई लड़ी और जीते।
— AAP (@AamAadmiParty) November 19, 2021
किसानों के प्रबल साहस के आगे Water Cannon का पानी सूख गया, सरकार की लाठियां टूट गई, कीलें गल गई। लेकिन सरकार किसानों का आत्मविश्वास और जज़्बा नहीं तोड़ पाई।
– CM @ArvindKejriwal #FarmLaws pic.twitter.com/prdX1NdQwd
राकेश टिकैत
आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021
सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @RakeshTikaitBKU#FarmersProtest
एमएसपी पर गारंटी कानून बनने तक जारी रहेगा आन्दोलन ;- @RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/JQOCoOLe44
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 19, 2021