हे मूर्ख वोटरों तुम सिर्फ वोट दो इसके बाद मेरे अगने में तुम्हारा क्या काम है

सिद्धार्थनगर। हे मूर्ख वोटरों तुम सिर्फ वोट दो इसके बाद मेरे अगने में तुम्हारा क्या काम है-घिर्रावन काका ने एक दिन ऐसी ही अपनी बात सुनाई।

चुनावी चकल्लस हास्य व्यंग

हे मूर्ख वोटरों तुम सिर्फ वोट दो इसके बाद मेरे अगने में तुम्हारा क्या काम है।

विकास का ऐजेण्डा पूछने गये घिर्रावन काका को एक नेता जी से मिला जवाब-

वर्तमान विधान सभा चुनाव में नेता जी अपने वोटर के हर दुख दर्द का समाधान तुरन्त करने के लिये तैयार दिखाई पड रहे हैं। अपने आस पास वोटरोें को देखकर इतने गदद दिख रहे हैं कि मानों मतदान से पहले ही वह विधायक बन गये हों। हमारे घिर्रावन काका ने एक दिन ऐसा ही अपनी बात सुनाई हे मूर्ख वोटरों तुम सिर्फ वोट दो इसके बाद मेरे अगने में तुम्हारा क्या काम है।

वोटरों के दुख दर्द और विकास की मांग को बडी शालीनता से सुनने के बाद बात को टालने का ऐसा फार्मूला अपनाते हैं कि वोटर उनके चक्रव्यूह में फंसकर जब थक जाता है तो सही कहता है कि अभी चुनव्वा नाहीं जीतलें तब इ बहाना अब जब चुनव्वा जीत जैइहैं तो हमरे विधायक जी अंखिया के काजल हो जैइहैं।

हमारे घिर्रावन काका ने एक दिन ऐसा ही अपनी बात सुनाई। घिर्रावन काका बोल “बबुआ हम एक दिन एक नेता जी के पास गैइल रहली। हम उनसे पुछली कि चुनव्वा में आप के विकसवा के कौन कौन एजेंडा बा। हमरी बातिया को कोई सुनबै न करे। अपने समर्थकवन से घिरे नेता जी अपनी प्रसन्ना सुनल रहलें।

एक मिला कहत रहा कि जिसका बडा नाम होता है वही बदनाम है। हे मूर्ख वोटरों तुम सिर्फ वोट दो इसके बाद मेरे अगने में तुम्हारा क्या काम है। तब एक मिला बोलले कि अरे कुछ जनता बैठी। वह नाराज हो सकती है। तब नेता जी बोललें कि अरे हम सब मैनेज कर लेगें। तुम मेरी प्रशंसा गाते रहो। मुझे वाट्सअप, फेसबुक तथा सोसल मिडिया पर एक विधायक की तरह पेश करते रहो।

घिर्रावन काका ने आगे बताया-

फिर हम दुबारा नेता जी से अपनी बतिया कहली कि साहब कुछ एैसन करा कि जितले के बाद हमरे लोगन का कुछ काम मिले अव हमरेन के लरिकवै प्रदेशवा में काम खोजै खातिर न जायें । त नेता जी बोललें, हां बाबा ठीक कहते हो हम तो अभी चुनाव में व्यस्त हैं। हमने सबको अलग अलग जिम्मेदारी सौंप दी है।

आप हमारे फाइल ढोवनू से मिलो। आप को वह सब बता देंगे। जब हम फाइल ढोवनू  बाबू से मिलली तो उ बोललें कि बाबा हम लोग आपका काम करेंगे। धैर्य धरो, वैसे जब सबको काम ही मिल जायेगा। तो हम नेताओं के यहां कौन दरबार करेगा।आप आते रहो, मिलते रहो, वोट दो हम आप के साथ हैं।

तब घिर्रावन काका कहले कि जब चुनव्वा जीते के पहिले इ हाल बा कि खाली हवा में बतियावत बाटें ता जीतै के बाद का होई हो वोटर महराज। बाद में त इनसे भेंटियै करबवा पहाड होइजाइ।

Leave a Comment