बांसी। शनिवार को देर शाम मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के चेतिया बाबा गांव में एक शोकसभा का आयोजन किया गया। उपस्थित लोगों द्वारा मृतक के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित कर एक स्वर में मृत्यभोज का बहिष्कार किया गया। बौद्धाचार्य केदारनाथ आजाद ने उपस्थित लोगों को त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कराया।
- उपस्थित लोगों ने भविष्य में मृत्युभोज न करने का लिया शपथ
मृत्यभोज का बहिष्कार
शोकसभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक अमर सिंह चौधरी ने कहा कि मृत्युभोज मनुष्य को दुख देने वाली एक कुरीति है, जो समाज के लिए अब एक अभिशाप बन चुकी है। इसे हम सभी को जल्द से जल्द बन्द करना होगा। आगे कहा कि मैं अपने किसी रिश्तेदार के घर मृत्युभोज का खाना नहीं खाता हूं।
समाज सेवी सतेन्द्र पाल यादव ने कहा कि राजस्थान में अब कोई मृत्युभोज नहीं कर सकता क्योंकि वहां की सरकार ने मृत्युभोज निवारण अधिनियम-1960 के प्रावधानों के अनुसार पूरे राज्य में मृत्युभोज को पूर्णतया बंद कर दिया है। इसका उलंघन करने पर दंड का भी प्रावधान किया गया है। अब समय आ गया कि इसे पूरे देश में प्रतिबंधित कर देना चाहिए।
जिला पंचायत सदस्य बेचई यादव ने कहा कि आयोजक अखिलेश यादव ने अपने पिता जी के मृत्यु के पश्चात समाजहित में मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय लेकर समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया है। जो सराहनीय है। हम सभी को इसका अनुशरण करना चाहिए।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य राम शब्द यादव ने कहा कि मृत्युभोज का बहिष्कार समाज के सम्पन्न व जागरूक लोगों को आगे आकर करना चाहिए, जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिल सके और समाज में व्याप्त इस कुरीति को जड़ से खत्म किया जा सके।
मृत्यभोज का बहिष्कार कार्यक्रम का संचालन भारतीय बौद्ध महासभा के जिला उपाध्यक्ष जयकिशोर गौतम ने किया।
कार्यक्रम को बहरैची प्रसाद प्रेमी, पारसनाथ विश्वकर्मा, तिलकराम यादव, गोविंद प्रेमजी मौर्या, राम औतार प्रजापति, अजय यादव, राम भरत यादव, राधेश्याम बौद्ध आदि लोगों ने संबोधित किया।
इस अवसर पर राजकुमार यादव, चन्द्रभूषण आर्या, हरिराम यादव, शिवचन्द्र भारती, अनिल गौतम, इन्द्रजीत यादव, दिनेश गौतम, अनिल बौद्ध, जयश्री, चौतू यादव, राम अनुज यादव, रामानंद यादव, रामनयन आनंद, बजरंगी गौतम, रामभवन, राधेश्याम गौतम आदि सहित काफी संख्या मंे बच्चे एवं महिलाएं मौजूद रहीं।