डा. निसार अहमद खाँ। सिद्धार्थनगर। चंदा उर्फ सुशीला की पेड से लटकती हुई लाश नाजायज इश्क के चक्कर में फंसने वाली महिलाओं के लिए एक सन्देश है।
जिस पति ने जीवन भर साथ जीने और मरने की कसम खायी हो, मांग में सिन्दूर भरा हो, उसे छोड कर किसी तीसरे व्यक्ति के साथ नायज इश्क में फंस कर उसके साथ जीवन बिताना खतरों से खाली नहीं हो सकता है।
मानव भेष में दरिन्द्रों का झूठा प्यार सिर्फ कामवासना की पूर्ति के लिए ही होता है। अक्सर देखने में आया है कि दरिन्द्रों का कामवासना की रस प्राप्ति के कुछ दिनों बाद रिश्तों में अनबन शुरू हो जाती है। नफरत में बदल चुके झूठे इश्क से पीछा छुडाने के लिए दरिन्दा किसी सुरक्षित रास्ते की तलाश करता है। शायद इसी तरफ की घटना चंदा उर्फ सुशीला के साथ घटी होगी।
चंदा उर्फ सुशीला के मौत की गुत्थी भले ही हत्या और आत्महत्या के बीच उल्झी हो। जो पुलिस के जांच का विषय है। लेकिन एक बात तो साफ है कि इश्क में जो फूल के वृक्ष तैयार हुए थे। समय के साथ उसमें सिर्फ कांटे बचे। इंही कांटों को रास्ते से हटाने के लिए दरिन्द्रों ने उसे पेड के डाले पर टांग कर अपना पीछा छुडाने का प्रयास किया होगा।
अब यह पुलिस के ऊपर है कि वह नीर क्षीर विवेकी की तरह से दूध और पानी को कैसे अलग करती है। सबके के पास परिवार है। ईश्वर न करे किसी के परिवार के साथ ऐसी दुर्घटना घटे।
आत्महत्या और हत्या पर गौर करें तो एक महिला जो अपने जीवन में भरे दुखों के पहाड से तंग आकर रात के अंधेरे में साडी पहन कर पेड पर चढ़ कर डाल से लटक जाएगी। उसके कपडे डाल में नहीं फसेंगे। शरीर पर खरोच नहीं आएगा।
यदि मान लिया जाय कि वह अपने पहाड जैसे दुख भरे जीवन से ऊब कर आत्महत्या करना चाहती थी। तो उसका कोई और आसान रास्ता भी अपना सकती थी।
कामवासना और यौन सुख के लिए महिलाओं को फंसाने वाले दरिन्द्रों को कडी से कडी सजा मिलनी चहिए।
मीडिया रिपोटों के मुताबिक लगभग अड़तालीस वर्षीय विवाहिता चंदा उर्फ सुशीला जो देउरवा गांव में प्रेमी मन्नू के साथ करीब दो वर्ष से रिलेशनशिप में रह रही थी। जबकि महिला का विवाह बलरामपुर के तुलसीपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मूर्तिहवा में साथ हुआ था। मृतका चार बच्चों की मॉ बताई जाती है।
चिल्हिया थाना ग्राम ससना निवासी चन्दा की मां ने बताया कि चंदा की शादी पांच वर्ष पूर्व तुलसीपुर थाना क्षेत्र में राजेश के साथ हुई थी। इससे चार वर्ष का एक पुत्र भी है। करीब दो वर्ष पूर्व वह मायके आई थी। इसी दौरान गांव में मिट्टी गिराने का काम करने वाले मन्नू से प्रेम करने लगी। बेटां को गांव में छोड़ कर वहां से फरार हुई और देउरवा गांव आकर रहने लगी। तब मामला उस समय जोगिया थाना में पुलिस तक पँहुच गई थी। पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर मामले का निस्तारण करवा दिया था।
मृतक चंदा अपने पति राजेश के साथ अपने ससुराल रहने के लिए चली गई थी। किन्तु प्रेमी वहां पर भी पहुंच गया। फिर क्या था कुछ दिनों के बाद दोनों वहां से भी फरार हो गए और प्रेमी के साथ उसके घर पर रहने लगी ।
बताया जाता है कि रविवार सुबह गांव के बाहर बाग में पेड़ में फंदे के सहारे लटका हुआ उसका शव दिखा।
इसके बाद लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। कोतवाल टीम के साथ पहुंच गए और मायके व ससुराल वालों को बुलवाया। फिर शव की पहचान की गई। उसके बाद पंचनामा करके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
कोतवाल जोगिया तहसीलदार सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।