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डा. निसार अहमद खाँ। सिद्धार्थनगर। इटवा तहसील क्षेत्र अंतर्गत इटवा तथा खुनियांव विकास खंड के ग्राम पंचायतों का बिना किसी मद और अनुमति के जबरिया शुभकामना संदेश छाप कर तथाकथित समाचार पत्र प्रतिनिधियों का भ्रष्टाचार सरकारी धन पर फल फूल रहा है। ग्राम प्रधानों व सचिवों ने सरकार से इस पर रोक लगाए जाने की मांग की है।

  • शुमकामना संदेश वाले इस भ्रष्टाचार पर सरकार से रोक लगाने की मांग

जानकारी के अनुसार इटवा विकास खंड में 87 ग्राम पंचायत तथा खुनियांव विकास खंड में 117 ग्राम पंचायतें हैं। इस प्रकार दोनों ग्राम पंचायतों को मिलाकर कुल 204 ग्राम पंचायतों का लगभग 45 के हिसाब से चार भाग में वितरण किया जाता है। शेष 24 ग्राम पंचायतों को छोड़ दिया जाता है कि इसे दुबारा बांटा जाएगा।

इन 204 ग्राम पंचायतों के वितरण का विवरण लिखकर खण्ड विकास अधिकारी महोदय को दे दिया जाता है। विज्ञापन का भुगतान करने के लिए सचिवों को मौखिक आदेश देने के लिए खण्ड विकास अधिकारी से कहा भी जाता है।

बताया जाता है कि इसमें सबसे मजे की बात तो यह है कि इस शुमकामना संदेश वाले भ्रष्टाचार के लड्डू को दोनों हाथों से खाया जाता है। इस गोरखधंधे को इस प्रकार समझा जा सकता है कि इन 45 ग्राम पंचायतों का प्रति ग्राम पंचायत दो हजार रूपया के हिसाब से 90 हजार रूपया वसूल किया जाता है। जिसमें विभिन्न पत्रों का 40 से 60 हजार के बीच एक पेज शुभकामना संदेश का वारान्यारा हो जाता होगा। बाकी शेष भ्रष्टाचार की गोद में छिप जाता है।

यदि नियमों की बात की जाए तो गणतंत्र दिवस शुभकामना संदेश के इन विज्ञापनों को प्रकाशित करने के लिए खण्ड विकास अधिकारी के हस्ताक्षर से विकास खण्ड कार्यालय से कोई पत्र जारी नहीं होता है। इसके अलावा न ही ग्राम पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान के द्वारा ग्राम पंचायत के प्रचार प्रसार की निविदा जारी की जाती है। अब तक जो शुभकामना संदेश छापा गया है। उसमें सिर्फ जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों का फोटो तथा एक साथ ग्राम प्रधानगण तथा सचिवगण का फोटो छाप दिया जाता था।

इसमें पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत के कौन कौन से विकास कार्यां के प्रचार प्रसार की बात कही जाती है। जिससे वह वैधानिक हो जाते हैं। इस बार तो आदर्श चुनाव आचार संहित लागू है। अब आगे देखना है कि विकास खण्ड के इस तथाकथित शुभकामना संदेश के रूप में निकाले जाने वाले विज्ञापन के भ्रष्टाचार को जिम्मेदार अधिकारी कैसे रोक पाते हैं। इसके अलावा इटवा तथा खुनियांव विकास खण्ड में ग्राम पंचायत टेंडर बिल भुगतान में व्याप्त भ्रष्टाचार की मूसला जड़ गहराई तक पहुंच कर सरकारी धन का शोषण कर रही है।

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