सिद्धार्थनगर। लड़कियों को लड़कों के बराबर सारे हक़ हैं। उन्हें यह हक़ देश का संविधान देता है। सिर्फ सरकार ही नहीं घर, परिवार और समुदाय का भी यह दायित्व है, लड़कियों को बराबरी का सारा हक़ मिले।
यह बातें गुरूवार को जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर संजीव रंजन ने प्लान इंडिया एवं महिला कल्याण विभाग के तत्वाधान में जिला सभागार में आयोजित महिला एवं बाल संरक्षण हितधारकों की जिला स्तरीय क्षमता वर्धन कार्यशाल को सम्बोधित करते हुए कही।
श्री रंजन ने कार्यशाला में उपस्थित बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों, बाल कल्याण समिति सदस्यों, वन स्टॉप सेंटर कर्मियों एवं चाइल्डलाइन कार्मिकों से जेण्डर आधारित भेदभाव के बारे में विस्तार से बताया।
साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस भेदभाव को ख़त्म करने की शुरुआत अपने स्तर से करनी होगी। कार्यशाला में फेसिलिटेटर के रूप में प्लान इंडिया के तकनीकी प्रमुख सुधीर कुमार राय उपस्थित थे।
कार्यशाला का संचालन जिला प्रोबेशन अधिकारी विनोद कुमार राय द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान बाल विवाह की रोकथाम हेतु पंचायत स्तर पर जागरूकता हेतु प्लान इंडिया द्वारा महिला कल्याण विभाग के साथ मिलकर बनाये गए तीन पोस्टर्स का लांच भी जिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी सदर द्वारा किया गया।
कार्यशाला में उपस्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट सिद्धार्थनगर के इंचार्ज एवं क्षेत्राधिकारी सदर अखिलेश वर्मा ने सीमावर्ती पंचायतों में मानव दुर्व्यापार रोकने के लिए उनकी यूनिट द्वारा किये जा रहे प्रयासों को भी साझा किया।
कार्यशाला में फेसिलिटेटर ने बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों के समक्ष बहुत सी परिस्थितियां रखीं और इनमें बाल कल्याण पुलिस अधिकारी द्वारा लिए जाने वाले एक्शन के बारे में विस्तार से चर्चा किया।
प्रतिभागियों ने भी यह माना की जेण्डर भेदभाव कई रूपों में हमारे सामने प्रस्तुत होता रहता है। पर हम इसे गैर बराबरी के नजरिये से नहीं देख पाते। कार्यशाला ने उन्हें एक नई दृष्टि दी कि हमें अपने कार्यों के दौरान इस नजरिये से भी देखने की जरुरत है।
कार्यशाला में सुधीर कुमार राय ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 में हाल ही में किये गए संशोधनों के बारे में भी बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया।
कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन, प्लान इंडिया के प्रोजेक्ट मैनेजर उमेश गुप्ता, जिला समन्वयक सहित जनपद के समस्त थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, वन स्टॉप सेंटर प्रतिनिधि, चाइल्डलाइन प्रतिनिधि मौजूद रहे।