- पंचायती राज का अभिप्राय आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देना है-सुजीत कुमार जायसवाल
सिद्धार्थनगर। खुनियांव विकास खण्ड सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमें ग्राम प्रधानों के कर्तव्य व अधिकार क्या हैं, इसकी खास जानकारी दी गयी।
एक दिवसीय प्रशिक्षण- क्या हैं ग्राम प्रधानों के कर्तव्य व अधिकार
एक दिवसीय प्रशिक्षण में ग्राम प्रधानों के कार्य, आयकर रिटर्न भरने सहित महिला ग्राम प्रधानों के कर्तव्य और अधिकार के साथ ही किन परिस्थितियों में ग्राम प्रधान को हटाया जा सकता है आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
शुक्रवार को ब्लाक सभागार में उच्च न्यायालय के आदेश पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में प्रभारी सहायक विकास अधिकारी सांख्यिकी सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि पंचायती राज का अभिप्राय आर्थिक विकास, सामाजिक न्याय और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ावा देना है।
उन्होंने ग्राम प्रधान को आयकर रिटर्न जमा करने के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दिया। इसी के साथ उन्होंने आगे बताया कि उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के तहत ग्राम पंचायत को स्वच्छ रखना, प्रकाश, सड़कों की सफाई और मरम्मत, जन्म प्रमाण पत्र का लेखा-जोखा, खेती, उद्योग धंधे और व्यवसाय की उन्नति सहित तमाम ऐसे कार्य हैं, जिन पर ग्राम प्रधान को ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने महिला ग्राम प्रधानों के कर्तव्यों व अधिकारों के बारे में जानकारी दिया। जिससे प्रधान पति की अवधारणा को हतोत्साहित किए जाने की मंशा प्रकट की गई।
इस अवसर पर सचिव सैदुल्लाह, मो. तारिक खान, राकेश पाठक, हरेन्द्र नाथ पाण्डेय, देवदत्त चौधरी व एडीओ महिला कुंतकली उपस्थित रहीं।
इसी के साथ प्रशिक्षण में विकास क्षेत्र के महिला व पुरूष ग्राम प्रधानों ने प्रतिभाग किया। जिसमें व्यास पाण्डेय, विजय कुमार पाण्डेय, गुलबहार, इन्द्रावती, बीजा कुमार पाण्डेय, मो. अजहरूद्दीन, तेजप्रताप जायसवाल आदि ग्राम प्रधान उपस्थित रहे।