News Universal, सिद्धार्थनगर के डॉक्टर भास्कर शर्मा

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डा. निसार अहमद खाँ। सिद्धार्थनगर। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन धीरे-धीरे अपना पैर पसारने लगा है। पूरी दुनिया में इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। भारत में इसके मामले सामने आने के लोगों की चिंता बढ़ गयी है। कोरोना की पिछली लहर में डेल्टा वैरिएंट ने काफी तबाही मचाई थी।

कोरोना के इस नए वैरिएंट ओमिक्रॉन वायरस को लेकर तमाम तरह की भ्रांतियां भी फैलाई जा रही हैं। उन सभी भ्रांतियों को दूर करने के लिए सिद्धार्थनगर के विश्व प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा ने बुधवार को कोरोना के इस नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के लक्षण, उपचार एवं औषधि के पर विस्तार से एक खास बातचीत में बताया।

प्रश्न- आपके होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव के लिए कौन सी औषधि है?

उत्तर- आयुष मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी में आर्सेनिक एल्बम 30 शक्ति की 5 गोली सुबह 3 दिनों तक लेना है। फिर एक माह बाद पुनः लेना है। यह औषधि लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।

प्रश्न- ओमीक्रोन होने के बाद क्या क्या परेशानी आती है?

उत्तर- अत्यधिक कमजोरी होना, बेचैनी होना, गले में खराश होना, सांस लेने में मुश्किल, मांसपेशियों में दर्द होना, चक्कर आना, भूख न लगना, बुखार का 37.8 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना आदि परेशानी का बेहतर इलाज होम्योपैथी में है। आप केवल पंजीकृत होम्योपैथी चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद औषधि का सेवन करें। बेहतर लाभ होगा।

प्रश्न- इस समय अधिकतर यह देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर कोरोना से बचाव की तमाम औषधियों का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है क्या इसे लेना चाहिए?

उत्तर- बिल्कुल नहीं। केवल रजिस्टर्ड होम्योपैथी चिकित्सक के परामर्श से ही औषधि का सेवन करना चाहिए तथा सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना चाहिए।

प्रश्न- क्या होम्योपैथी में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का सटीक इलाज है?

उत्तर- होम्योपैथी चिकित्सा लक्षणों पर आधारित है। लक्षण मिलने पर ही औषधि फायदा करती है। होम्योपैथी रोग का नहीं बल्कि रोगी का इलाज करता है।

प्रश्न- कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव के क्या उपाय है?

उत्तर- कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से मुकाबले के लिए भी वैक्सीनेशन बढ़ाने, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना, नियमित अंतराल पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करना, सैनिटाइजेशन सहित अन्य उपायों को जारी रखने की जरूरत है।

प्रश्न- क्या डेल्टा से अलग हैं नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के लक्षण?

उत्तर- डॉक्टर भास्कर शर्मा के मुताबिक, डेल्टा वैरिएंट के केस में जहां मरीजों में बुखार, सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन के स्तर में कमी, गंध या स्वाद नहीं आना जैसी शिकायतें देखी गई थीं, वहीं नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामलों में मरीजों में बेचैनी, उल्टी, नाड़ी की गति बढ़ जाना, थकान, बदन दर्द, सिरदर्द जैसी शिकायतें देखने को मिल रही हैं। मरीजों ने स्वाद और गंध बने रहने की बात भी बताई है।

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