इटवा, सिद्धार्थनगर। दो दिनों की लगातार हो रही बारिश से इटवा नगर पंचायत अंतर्गत पेड़ारी स्थित गौशाला अब तालाब में बदल चुका है। कई गायें यहां से निकल कर सडकों पर घूम रही हैं। जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। आए दिन दुर्घटनाएं घट रही हैं। पेड़ारी गौशाला के गेट के सामने लगभग 5 फिट पानी भरा हुआ है।
इटवा नगर पंचायत का पेड़ारी गौशाला बना तालाब गायें घूम रही सडकों पर
जानकारी के अनुसार पेड़ारी स्थित लगभग 136 से 150 क्षमता वाले इस गौशाला में बीते 19 अगस्त को कुल 60 गायें थीं। जिसमें पांच गाय बीमार थीं। तीन मर चुकी थीं। दो को गौशाला के अन्दर गड्ढ़ा खोद कर पाट दिया गया था। एक को गड्ढ़ा खोद कर पाटने के लिए पॉलीन से ढ़क कर रखा गया था।
20 अगस्त 2021 को प्रकाशित खबर
गत 20 अगस्त 2021 को “गौशाला में मर रही गाय और जिम्मेदारों के आंख पर बंधी पट्टी” खबर प्रकाशित होने के बाद जिम्मेदारों के आंख से पट्टी तो खुली। गायों के देख-रेख, दवा इलाज में कुछ सुधार हुआ।
मरी हुई गायों को तुरंत मिट्टी में दबाने के लिए, जिससे लोगों की नजरें न पडे जेसीबी लायी गयी। लेकिन गौशाला के गेट पर पानी भरा होने के नाते जेसीबी को अन्दर जाने का रास्ता नहीं था। इस लिए गेट पर दो ट्राली रोडा डालकर रास्ता बनाया। पानी में घुस कर जेसीबी अन्दर गयी और अपना काम करके वापस आयी। उसके बाद इसी रोडे पर दो ह्यूम पाइप रख दिया गया।
बारिश के कारण गौशाला तालाब बन गया
बुधवार रात से हो रही बारिश के कारण गौशाला तालाब बन गया है। गौशाला के चारों तरफ खाई खोदी गयी है। सामने जो गेट लगाया गया है वहां भी लगभग 5 फीट पानी भरा हुआ है। जिससे अन्दर की गाय न बाहर निकल सकती हैं न बाहर की अंदर जा सकती हैं। क्योंकि अब पानी अधिक भर गया है। गुरूवार को देखा गया तो गौशाला का एक रखवाला जांघ भर पानी में घुस कर गायों को चारा देने अन्दर गया। उसके बाद सापों को गौशाला के एक छोर से दूसरे छोर तक तैरते देखा गया।
गौशाला का एक रखवाले ने बताया
वापस आने के बाद उसने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि पानी अधिक है। सांप तो टहलते ही हैं। पानी में घुसने पर जोंक भी पकडती हैं। डंडा लेकर जान हथेली पर रखकर तीन बार अन्दर जाता हूँ।
गुरूवार को टीन शेड में लगभग 14 गाय तथा गौशाला भवन में 12 गाय मौजूद थीं। कुछ गाय गौशाला के दक्षिण स्थित मुख्य सडक पर पश्चिम किनारे बैठी थी। अन्य गायों का पता नहीं है।
आस पास के लोगों का कहना था
आस पास के लोगों का कहना था कि ह्यूम पाइप को ऊपर ही रख दिया गया है। अगर इसे मिट्टी खोदकर रखा गया होता और गेट के अन्दर तक मिट्टी पाटा गया होता तो रास्ता आने जाने लायक हो जाता है।
सडकों पर बैठी गायों की व्यथा
गौशाला की यह गायें अक्सर सडकों पर बैठी मिल जाती हैं। बडे वाहनों से यह चोटिल हो जाती हैं। दो पहिया वाहन व पैदल वाले इनसे चोटिल होते हैं। जानकारों का कहना है कि रिकार्ड में दर्ज गायों की संख्या के अनुसार ही उनकों चारा का पैसा आता है। लेकिन वर्तमान में गौशाला में गायें कम हैं। संख्या के अपेक्षा खर्च कम होता है। ऐसे में जो बचत होता है वह पैसा कहां जाता है।
अधिशासी अधिकारी अतुल सिंह
गायों की सुरक्षा को लेकर इटवा नगर पंचायत का पेड़ारी गौशाला के मुख्य गेट पर पानी भरा होने के संबध में अधिशासी अधिकारी अतुल सिंह से पूछने उनका बेतुका उत्तर इस तरह था कि “इसमें जानकारी क्या देंगे आपको। अरे ठीक है यार रखो फोन” कह कर फोन काट दिया।