M.A. M.J.M.C. विगत 20 वर्षाें से पत्रकारिता क्षेत्र से जुडकर समाचार संकलन, लेखन, सम्पादन का कार्य जारी है। शिक्षा, राजनीति व ग्रामीण पत्रकरिता पर विशेष रिपोर्टिंग।

सिद्धार्थनगर। इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम मूसा का रहने वाला 15 वर्षीय अशोक गत 31 अक्टूबर को अपने घर से गायब हुआ था। 07 नवंबर को पुलिस ने गुमशुदगी भी दर्ज किया। 12 नवंबर को गांव के सीवान में नर कंकाल और अशोक के कपड़े व अन्य सामान भी मिले। लेकिन लगभग 4 माह 20 दिन गुजर जाने के बाद भी अशोक के गुमशुदगी और हत्या के बीच उलझी गुत्थी को इटवा पुलिस हल नहीं कर पाई। नर कंकाल किसका है, यह भी पता नहीं चल सका।

जानकारी के अनुसार इटवा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत मूसा निवासी जगदीश पुत्र शिवप्रसाद का 15 वर्षीय लड़का अशोक कुमार गत 31 अक्टूबर 2021 की रात परिजनों के अनुसार उसके मोबाइल पर किसी का फोन आया तो वह बात करते हुए घर से निकला और आज तक घर वापस लौट कर नहीं आया। उसे जमीन निगल गयी या आसमान खा गया। राम जाने।

परिजनों ने खोजबीन के बाद गुमशुदगी की तहरीर दिया। जिसे पुलिस ने 07 नवंबर 2021 को दर्ज भी कर लिया। इसी बीच 12 नवंबर को गांव के बाहर धान की फसल कटाई करते समय मानव कंकाल और खून लगे कपड़े भी पाए गए। कपड़ों में जींस पैंट, शर्ट, बेल्ट, नेकर, पर्स और उसमें रखा आठ सौ रूपया मिला। जिसका पहचान परिजनों ने करके अशोक का सामान बताया। उक्त सामानों के साथ अशोक का आधार कार्ड भी वहीं पड़ा मिला। नर कंकाल में मानव की खोपड़ी और 2 लंबी हड्डी भी पाई गई थी।

पुलिस ने खेत में पाए गए कंकाल और सामानों को जांच के लिए भेज दिया। आगे कहा गया कि कंकाल किसका है। डीएनए रिपोर्ट में स्पष्ट हो जाने के बाद जांच की कार्यवाही सही दिशा में आगे बढ़ सकेगी।

जबकि दूसरी तरफ अशोक के परिजन जांच के दूसरे बिन्दु की मांग करते रहे। परिजनों का कहना था कि उस समय अशोक के पास मौजूद मोबाइल नम्बर 7738748429 को सर्विलांस पर लगा कर उसके कॉल डिटेल को निकाला जाय। कॉंल डिटेल से अशोक के गुमशुदगी और हत्या के बीच उलझी गुत्थी हल होने में मदद मिल सकती है।

अशोक का मोबाइल नम्बर स्विच आफ होने के पहले किन किन नम्बरों से उसके नम्बर पर बात हुआ। इसकी भी जानकारी मिल सकती थी।

लेकिन शायद अशोक के गुमशुदगी की फाइल समय के साथ आने वाली फाइलों के नीचे दबती चली गयी। और अब संभवतः आफिस के आलमारी में धूल फांक रही है।

इस घटना के खुलासे की मांग को उस समय न तो सामाजिक संगठनों ने, न तो सत्ता पक्ष और न ही विपक्ष के जनप्रतिनिधियों ने दिलचस्पी से आगे बढ़ाया। बस कोरम पूर्ति में पीडित के घर पहुंचे और शोकसंवेदना व्यक्त कर इतिश्री कर लिया।

ऐसा भी नहीं है कि इस प्रकार के घटनाओं के खुलासा/समाधान में इटवा पुलिस कम रूचि लेती हो। जबकि इटवा पुलिस पूर्व में इस तरह की कई घटनाओं का तत्काल खुलासा/समाधान करके सराहनीय और प्रशंसनीय कार्य भी किया है। अगर गिनती किया जाए तो निर्माणाधीन आईटीआई भवन में ग्राम पचमोहनी निवासी अयोध्या प्रसाद का 17 वर्षीय पुत्र विकास गुप्ता का 18 जनवरी 2021 की रात गला रेत कर किए गए हत्या का खुलासा।

ग्राम पचमरी निवासी 13 वर्षीय दीपक चौधरी पुत्र सुबाष चौधरी जो कि गत 12 फरवरी 2021 को घर से गुम हो गया था। मध्य प्रदेश के इटारसी रेलवे स्टेशन से सकुशल वापस लाकर परिजनों को सौंपा गया।

इटवा एक स्कूल पर रह कर शिक्षा ग्रहण करने वाले औरंगजेब और हमीदुल्लाह 26 अक्टूबर 2018 को स्कूल से गायब हो गए थे। इनको मुम्बई से बरामद किया गया था।

अब अशोक के मामले में आगे क्या होगा इसे तो समय ही बताएगा। आखिर पुलिस के हाथ अभी तक खाली क्यों है?

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