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इटवा, सिद्धार्थनगर। थाना इटवा- गायब ए.के. 47 राइफल – मालखाने से गायब ए.के. 47 राइफल को लगभग एक माह नौ दिन हो चुके हैं। इसका अब तक सुराग नहीं लग सका। अपने गंधे पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सभालने वाली पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। राइफल आसमान में उड़ गया या जमीन निगल गयी। अब भी प्रश्न चिन्ह बना हुआ है।

थाना इटवा- गायब ए.के. 47 राइफल

जानकारी के अनुसार गत दो फरवरी को इटवा थाना स्थित मालखाने से ए.के. 47 राइफल गायब हो गया था। दो दिन स्टाफ ने इसकी खोजबीन किया। इसके बाद उच्च अधिकारियों को गायब होने की सूचना दिया गया। इसके तलाश में पुलिस ने अपने स्तर से भरपूर प्रयास किया। थाने के आस पास के स्थान पर तलाश किया गया। थाने के बगल तालाब का पानी निकाल कर उसमें तलाश किया।

राइफल की खोज में बाबाओं की मदद ली गयी। बाबाओं के बताए अनुसार तलाशी किया गया। फिर भी सफलता नहीं मिली।

इसके बाद सीआईडी कुत्तों की मदद ली गयी। कस्बे के विभिन्न दुकान, मकान में सीआईडी कुत्तों ने तलाश किया। लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली।

तलाश के लिए जांच टीम गठित की गयी-

थाना इटवा- गायब ए.के. 47 राइफल की तलाश के लिए जांच टीम गठित की गयी। परन्तु उसे भी अब तक सफलता नहीं मिली। ए.के. 47 राइफल गुम होने के बाबत जिम्मेदारों से पूछने पर यही बताया जाता है कि जांच चल रही है। सवाल यह है कि इतना दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को सफलता नहीं मिली। अब भी पुलिस हवा में डंडे पीट रही है। क्या अन्य जांच की तरह यह जांच भी समय के साथ फाइलों में गुम हो जाएगी।

जिस तेजी से इसकी जांच शुरू हुई थी, यदि वही तेजी बनी रहती तो सम्भवता पुलिस को सफलता मिल सकती थी। परन्तु पुलिस के पास भी काम का अधिक दबाव रहता है।
अब तो चुनाव की अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ गयी है। थाने के मालखाने से ए.के. 47 राइफल का गायब होना पुलिस की भारी चूक है।

जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों की कार्य शिथिलता है। एक माह नौ दिन बीत गया। अब तक सुराग नहीं लग सका।

मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने तत्तकालीन एसओ इटवा अनिल प्रकाश पाण्डेय, हेड कांस्टेबल विपिन कुमार भट्ट, सिपाही विमल किशोर मिश्र, हेड मुहर्रिर वीरेंद्र यादव व राम प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया। सिर्फ निलम्बन ही काफी नहीं है।

भविष्य में दोबारा ऐसी घटना न घटिल हो इसके लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाना चाहिए। पुलिस जब अपने असलहे की रक्षा नहीं कर पाती है। तो दूसरों की सुरक्षा कैसे करेगी।

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