सिद्धार्थनगर। इटवा तहसील क्षेत्र अंतर्गत इंद्री ग्रांट के टोला मझौवा गांव स्थित जामा मस्जिद में शनिवार रात समाज सुधार पर धार्मिक प्रवचन आयोजित हुआ। जिसमें इस्लाम धर्म और विवाह आदि पर इस्लामिक धर्म गुरुओं ने विस्तार से प्रकाश डाला। और समाज में अच्छे कार्य करने का संदेश दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना अब्दुल सलाम तथा संचालन मौलाना महबूब आलियावी ने किया। मुख्य अतिथि मौलाना इरफ़ान मदनी ने अपने संबोधन में कहा कि इस्लाम धर्म को लेकर आम जनमानस में तमाम तरह की गलत फहमिया फैलाई जा रही हैं। जो सत्यता से परे है।
इस्लाम अमन और शांति तथा भाई चारा का पैग़ाम देता है। जिसे हर किसी को समझने की कोशिश करनी चाहिए। इस्लाम धर्म ने व्याज लेने और देने को वर्जित अर्थात् हराम किया है। इस्लाम धर्म में व्याज को इस लिए वर्जित किया गया है कि जो व्यक्ति व्याज सहित कर्ज लेता है। उसका विकास रूक जाता है। वह और गर्त में चला जाता है। कर्ज लेने वाले व्यक्ति के साथ सख्ती का व्यवहार न करें।
विशिष्ट अतिथि मौलाना शाहिद जुनैद मदनी ने कहा कि इस्लाम में शादी विवाह सादगी के साथ करने का हुक्म है। दिखावा, फिजूल खर्ची, दहेज लेना और देना इस्लाम में हराम करार दिया गया है। इस्लाम धर्म निकाह को आम करने और व्यभिचार को रोकने का हुक्त देता है। इस लिए आप सभी लोग अल्लाह के पकड से डरिए और शादियां सागदी के साथ सुन्नत के तरीके पर करें। जिस घर में रिश्ता करना हो वहां दीनदारी, इमानदारी देखें।
इसी क्रम में मौलाना. फखरुद्दीन रियाज़ी ने कहा कि मृत्यु से कोई व्यक्ति परे नहीं है। मृत्यु अटल सत्य है। इस्लाम धर्म ने यह शिक्षा दिया है कि वह सदैव मृत्यु से भयभीत रहें और हमेशा पुनीत कार्य करते रहें। लोगों का हर संभव मदद करें।
इस अवसर पर परवेज़ अहमद, फजलुर्रहमान शाह, शब्बीर अहमद खान, सरफराज अहमद, इक़बाल अहमद मनिहार आदि दर्जनों से अधिक लोग मौजूद रहे।