सिद्धार्थनगर। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी संचारी रोग नियंत्रण अभियान 01 जुलाई 2023 से 31 जुलाई 2023 तक संचालित किया जा रहा है। यह मच्छरों से उत्पन्न होने वाली बीमारी है। इसके लक्षण, उपचार और सावधानियों को सभी अध्यापकगण प्रतिदिन प्रार्थना सभा में बच्चों को बताकर जागरूक करें।
- अध्यापक बच्चों को संचारी रोग के लक्षण, उपचार और सावधानियां प्रार्थना सभा में बताएं-खण्ड शिक्षा अधिकारी इटवा महेंद्र प्रसाद
उक्त बातें खण्ड शिक्षा अधिकारी इटवा महेंद्र प्रसाद ने एक प्रेसनोट में बताया है। उन्होंने आगे बताया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पाण्डेय के निर्देश के क्रम में सभी परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को संचारी रोग के लक्षण, उपचार और सावधानियों के विषय में प्रतिदिन प्रार्थना सभा में जागरूक किया जाना।
अध्यापकगण प्रतिदिन प्रार्थना सभा में बच्चों को संचारी रोग के लक्षण, उपचार और सावधानियों के बारे में जागरूक करें। इसके अलावा सभी अभिभावकों को भी संचारी रोग के लक्षण, उपचार और सावधानियों के बारे में जानकारी रखना चाहिए। जिससे वह अपने पाल्यों को अपने घर पर सुरक्षित रख सकें।
संचारी रोग राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग है। यह मच्छरों के काटने से होता है। मच्छरों के काटने पर मानव शरीर में चार प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं। जिसे संचारी रोग कहा गया है। इसमें मलेरिया, ए.ई.एस./जे.ई., फाईलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू शामिल हैं।
उन्होंने आगे बताया कि सभी बच्चे और अभिभावक अपने घर व आस-पास जलजमाव न होने दें। सप्ताह में प्रत्येक रविवार को जलजमाव वाले स्थानों को साफ करें। बुखार होने पर निकट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक से मिलकर उपचार कराएं।
अपने मन से कोई दवा न खाएं। पीने के लिए स्वच्छ पेयजल इंडिया मार्का हैण्डपम्प द्वितीय का पानी प्रयोग करें। मच्छर मार अगरबत्ती का प्रयोग करें और सोते समय मच्छरदानी लगाएं।