M.A. M.J.M.C. विगत 20 वर्षाें से पत्रकारिता क्षेत्र से जुडकर समाचार संकलन, लेखन, सम्पादन का कार्य जारी है। शिक्षा, राजनीति व ग्रामीण पत्रकरिता पर विशेष रिपोर्टिंग।

सिद्धार्थनगर। देश विदेश में प्रसिद्ध धर्म गुरू व आलिमेदीन हजरत मौलाना अल्हाज चिश्ती मियां का मंगलवार को उनके पैतृक गांव बरांव शरीफ में निधन हो गया।

लगभग 70 वर्ष की आयु में उन्होंने मंगलवार सुबह दो बजे इस दुनियां को अलविदा कहा। उनको हृदय की बीमारी थी। गत दो माह से बीमार थे। घर पर उनका इलाज चल रहा था।

उनका जन्म सन् 1950 ई. में बरांव शरीफ में हुआ था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह भी शिक्षा-दीक्षा, धार्मिक कार्यां और समाज सुधार में लग गए। वह बहुत ही मिलनसार, व्यवहारिक, बुलन्द अखलाक के मालिक थे।

वह उर्दू दुनियां के देश, विदेश में प्रसिद्ध कालेज दारुल उलूम बरांव शरीफ के नायब नाजिम थे। उनके पिता सूफी मो. सिद्दीक शाह यार अलवी अलैहिर्रहमां भी पहुंचे हुए धर्मगुरू और कामिल वली थे। उनके करामत की चर्चा आज भी होती है।

देश विदेश में प्रसिद्ध धर्म गुरू व आलिमेदीन हजरत मौलाना अल्हाज अब्दुल कादिर चिश्ती अलवी अलैहिर्रहमां अपने पीछे चार बेटे और एक बेटी को छोड़ गए हैं। उनके बेटों के नाम मो. अहमद अलवी, मो. अरशद अलवी, मो. अफसर अलवी, मो. अजहर अलवी है। उनके बेटे भी सर्वगुण सम्पन्न अपने पिता के पदचिन्हों पर चलने वाले हैं।

चिश्ती मियां अलैहिर्रहमां के निधन से उनके घर, परिवार, चाहने वालों, शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड गयी है। बुधवार बाद नमाजे जुहर लगभग 01ः30 बजे उनके पैतृक गांव बरांव शरीफ में उनका अन्तिम संस्कार होगा। उक्त आशय की सूचना उनके सुपुत्र मो. अरशद अलवी ने दिया है।

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