सिद्धार्थनगर। इटवा नगर पंचायत में रविवार सुबह सात बजे से अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू हुआ और सायं चार बजे तक चारों मार्ग से अतिक्रमण साफ कर दिया गया। जिससे रास्ता खाली दिखने लगा। शायद अब जाम से राहगीरों को परेशानी नहीं होगी।
दिनभर चला अतिक्रमण हटाओ अभियान-
अतिक्रमण हटाओ अभियान में तहसील प्रशासन, नगर पंचायत के कर्मचारी जेसीबी के साथ पुलिस बल की मौजूदगी में अतिक्रमण को साफ कर दिए।
उपजिला अधिकारी कल्याण सिंह मौर्य, राजस्व निरीक्षण सुनील कुमार, लेखपाल अरविंद कुमार चौधरी, पन्ना लाल सहित राजस्व विभाग के कर्मचारी, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत संदीप कुमार तथा नगर पंचायत कार्यालय के लिपिक आकाश शर्मा, कम्प्यूटर आपरेटर श्याम सुन्दर आदि उपस्थित रहे।
जबकि थाना अध्यक्ष इटवा श्रीप्रकाश यादव मय फोर्स सडक पर पेट्रोलिंग करते रहे। अतिक्रमण हटाने वाले स्थान पर उपनिरीक्षक सहित पुलिस बल मौजूद रही।
चारों मार्गाें पर नाली या जहां नाली नहीं बना है, वहां सडक की पटरी के बाहर जो अभितिक्रमण था उसे हटा दिया गया है।
उपजिला अधिकारी इटवा कल्याण सिंह मौर्य ने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अतिक्रण को हटाया गया है। सभी व्यापारी बंधुओं से आह्वान है कि पटरी या नाली के बाहर का स्थान खाली रहने दें। जिससे यात्रियों को आवागमन में असुविधा न हो।
गौरतलब बात है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर कस्बा में सुबह से शाम चार बजे तक बाजार में हलचल रही। इसी के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यापार मण्डल इटवा के व्हाट्सअप ग्रुप में भी हलचल दिखी।
लोगों ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त किया। कुछ व्यापारियों का आरोप है कि नाली या पटरी के अंदर मौजूद टीन शेड, सीढ़ी आदि को तोड दिया गया। जबकि नाली या पटरी के बाहर मौजूद अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा गया था।
जबकि कथनी और करनी में अन्तर होने पर इसे टोकने व्यापार मण्डल का कोई पदाधिकारी, सदस्य आदि सामने नहीं आया और इसे रोकने में सहयोग नहीं किया।
इससे व्यापारियों का नुकसान हुआ है। इस विषय पर गु्रप में कुछ आरोप प्रत्यारोप भी चला। कोयला व्यापारी जयप्रकाश अग्रहरि, इटवा व्यापार मण्डल अध्यक्ष शिवकुमार वर्मा आदि ने अपना अपना विचार प्रकट किया।
जिला सह सहसंयोजक व्यापार प्रकोष्ठ भाजपा तथा इटवा व्यापार मण्डल के महामंत्री अनिल जायसवाल ने अपना पक्ष रखते हुए बहुत तार्किक बात कहा।
उनका कहना था कि दीपावली के पहले उपजिला अधिकारी ने व्यापारी बंधुओं की मीटिंग बुलायी थी। जिसमें बहुत कम व्यापारी आए थे। और रही बात सही बात कहने की तो यह सही है कि प्रशासन द्वारा किया गया कार्य न्याय संगत नहीं है जो भी नियम बने वह सभी के लिए लागू होना चाहिए।
जबकि प्रशासन का कहना है कि अतिक्रमण हटाने में कोई भेदभाव नहीं किया गया है। न्यायोचित तरीके से अतिक्रमण हटाया गया है।
वहीं लोगांे का कहना था कि अतिक्रमण हटाने में तहसील प्रशासन, नगर पंचायत के कर्मचारियों का व्यवहार मित्रवत रहा। किसी को अनावश्यक परेशान नहीं किया गया है। सिर्फ अतिक्रमण हटाया गया है।