हिदायत-
जिलाधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी मरीज को परेशान न किया जाये तथा बाहर की दवा न लिखें।
सरताज आलम। सिद्धार्थनगर।
जिला स्वास्थ्य समिति (डी0एच0एस0) एवं स्वास्थ्य विभाग से सम्बन्धित योजनाओं की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी डा0 राजा गणपति आर0 की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक शनिवार को सम्पन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डा0 राजागणपति आर0 द्वारा पिछली बैठक में दिये गये निर्देशों के प्रगति की समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने टी0वी0 के मरीजों को चिन्हित करने का निर्देश दिया। डीबीटी के माध्यम से जिलाधिकारी ने टी0बी0 के मरीजों को उपचार के दौरान 1000 रूपये मिलने वाली प्रोत्साहन राशि समय से शतप्रतिशत भुगतान कराने का निर्देश दिया। किसी भी स्तर पर लम्बित नहीं होना चाहिए।
100 दिन टीबी रोगी खोजी अभियान चल रहा है। सीएचओ और आशा के माध्यम से घर-घर जाकर खोज करें तथा सैम्पल कलेक्ट कराने का निर्देश दिया।
जनपद की कुल आबादी का 25 प्रतिशत स्क्रीनिंग कराने का निर्देश दिया। स्क्रीनिंग व पंजीकरण में जो भी आशा अच्छा कार्य कर रही हैं उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।
सभी एमओआईसी व बीपीएम चिन्हित मरीजों का पंजीकरण करायें। हैण्ड होल्ड एक्स-रे मशीन से प्रत्येक दिन 150 जनरल एक्स-रे तथा समस्त सीएचसी पर जनपल एक्स-रे कराने का निर्देश दिया।
एनएटी मशीन से दो शिफ्ट में जांच कराने का निर्देश दिया।
निक्षय मित्र बनाने के लिए समस्त एमआआईसी को निर्देश दिया गया। जिसमें जनप्रतिनिधि, उपजिलाधिकारी व समस्त अधिकारीगण एवं ग्राम प्रधान 1-1 टीबी मरीज को गोद लें।
मरीज के मोबाइल नम्बर के साथ इसकी सूचना 05 दिन में उपलब्ध करायंे। इस कार्य को प्रभावी रूप से किया जाय जिससे जनपद को टीबी मुक्त किया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने सभी एमओआईसी को टीकाकरण सत्र का शेड्यूल के अनुसार निरीक्षण करने तथा टीकाकरण की फीडिंग तथा शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने का निर्देश दिया।
बैठक में उपस्थित सभी बीसीपीएम को निर्देश दिया कि नये बच्चों के जन्म पर आशा से प्राप्त रिपोर्ट की फीडिंग सही समय पर की जाये। गांव में जाकर बीसीपीएम 05-05 घरांे का रेण्डमली निरीक्षण कर जांच करेगे।
सभी आशाआंे को दी गयी किट को भी चेक करें, उसके पास पूरी सामग्री है अथवा नहीं। इसके अलावा जिन चीजों की कमी हो उन्हें क्रय करने का निर्देश दिया।
गर्भवती महिलाओं का प्रसव अस्पताल में ही हो। जन्म लेने वाले बच्चों का वजन ठीक ढंग से लिया जाये इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होनी चाहिए। सभी बीसीपीएम को वजन मशीन को ठीक कराने का निर्देश दिया।
मातृ शिशु मृत्यु दर में कमी लायें। मृत्यु दर ऑडिट रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध न कराये जाने के कारण एमओआईसी लोटन को नोटिस जारी करने हेतु निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी डा0 राजागणपति आर0 ने प्राचार्य मेडिकल कालेज, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, समस्त एमओआईसी को निर्देश देते हुए कहा कि किसी गर्भवती महिला को जानबूझ कर किसी अन्य जगह रेफर कदापि न किया जाये। इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होने पर मेरे स्तर से कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
जिलाधिकारी डा0 राजागणपति आर0 ने सभी सम्बन्धित मेडिकल आफिसरों को निर्देश देते हुए कहा कि जहां पर एक्स-रे मशीन नहीं है वहां मशीन स्थापित कराया जायें।
जिलाधिकारी द्वारा अनटाइड फन्ड, परिवार नियोजन, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना, टीकाकरण अभियान, पीसीपीएनडीटी, रोगी कल्याण समिति, हेल्थ वेलनेस सेन्टर, जननी सुरक्षा योजना आदि की समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने रोगी कल्याण समिति व अन्टाइड फन्ड से नियमानुसार उपकरण, मरीजों के बैठने हेतु फर्नीचर की नियमानुसार क्रय करने का निर्देश दिया।
ई-संजीवनी के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा मरीजों को टेली मेडिसिन सुविधा उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिया गया।
जिलाधिकारी ने समस्त एमओआईसी को निर्देश दिया कि गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि समय से दिया जायें।
जिलाधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यों की समीक्षा सप्ताह में करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने समस्त प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी मरीज को परेशान न किया जाये तथा बाहर की दवा न लिखें।
इस बैठक में उपरोक्त के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 रजत कुमार चौरसिया, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 ए0के0 झा, पीडी नागेन्द्र मोहन राम त्रिपाठी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला पंचायत राज अधिकारी पवन कुमार, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 एमएम त्रिपाठी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, डॉ0 संजय गुप्ता, डीपीएम, डीसीपीएम, समस्त सीएचसी/पीएचसी के एम0ओआईसी, बीपीएम, बीसीपीएम आदि उपस्थित थे।